इस रहगुजर के बाद कोई रहगुज़र है क्या।

बाद आखिरी सफ़र के भी कोई सफ़र है क्या।।


जो कुछ भी हो रहा है मेरी जिंदगी के साथ

मैं तो बता न पाऊंगा उसको ख़बर है क्या।।


तुम कह रहे हो एक दिन  तूफान आएगा

खामोशियों में वाकई इतना असर है क्या।।


क्यों कह रहा है आप मुझे जानते नहीं

क्या सच में तिफ्ल इतना बड़ा नामवर है क्या।।


उनकी गली में आके अदीब अजनबी लगा

आमद से मेरी वो भी अभी बेखबर है क्या।।


देते थे दर्दे दिल की दवा वह कहां गए

अभी वहीं दुकान वहीं चारागर है क्या ।।


गजलों में उसकी हुस्न नहीं ज़ौक भी नहीं

ये साहनी कहीं से कोई सुखनवर है क्या।।


सुरेश साहनी कानपुर

९४५१५४५१३२

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