फासला रिश्तों में कुछ तो चाहिये।

सिलसिला बातों में कुछ तो चाहिये।।

आपको बाहों में भरने के लिये

दूरियां  दोनों में   कुछ तो चाहिये।।

Suresh Sahani

Kanpur

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