अब तो सड़कें ही बचेंगी हल के लिए।

खेत तो बचेंगे ही नहीं फसल के लिए।

हवा न अन्न न पानी रहेगा कल के लिए।

कुछ तो हम छोड़ते आने वाली नसल के लिए।।

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