गया सूरज सितारे भी गये।

जो बाक़ी थे वो सारे भी गये।।

रहा जिनका ज़माना वो गये

बड़े उनके पसारे भी गये।।

वो शकुनि कंस कौरव तो गये

यशोदा के दुलारे भी गये।।

अंगूठे ले कलंकित भी हुए

समय आया तो मारे भी गये।।

वो जिस ताकत से गद्दीपर चढ़े

उसी कारण उतारे भी गये।।

ये मत समझो कि हम रह जायेंगे

अभी तक तो हमारे भी गये।।

चलो हम भी चलें क्योंकर जिए

हमारे सब  सहारे भी गये।।

करम होगा ख़ुदा का हश्र में

जो उस दम हम पुकारे भी गये।।

सुरेश साहनी, कानपुर

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