उम्र का बढ़ना सयानापन नहीं

सच है सठियाना सयानापन नहीं।।


बात चाहे कम करो यह ठीक है

पर मुकरजाना सयानापन नहीं।।


लोग समझे ईद है यूँ आपका

बाम पे आना सयानापन नहीं।।


दलबदल परिपक्वता की बात है

निष्ठ हो जाना सयानापन नहीं।।


कोई घोटाला करो स्वीकार है

पर डकार आना सयानापन नहीं।।


रोक लो अन्याय अब भी वक्त है

सच को झुठलाना सयानापन नही।।


छात्र युवक कल का हिंदुस्तान है

इन को लठियाना सयानापन नहीं।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है