महिला सुरक्षा विधेयक पर --

राजनीति में भी  क्या -क्या करना पड़ता है ।

अंतरात्मा को गिरवी रखना पड़ता    है ।।

सोलह को मैनेज करना आसान बहुत है ,

उससे ऊपर में दिक्कत सहना पड़ता है।।

रेप नहीं ये सहज प्रेम है हे मृगनयनी !

उठने की खातिर नीचे गिरना पड़ता है ।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है