अभी तुममें जवानी है पता है।
हमारी भी कहानी है पता है।।
तुम्हारा शहर होगा खूबसूरत
ये श्रम की राजधानी है पता है।।
अभी भी लोग जीभर देखते है
इमारत वो पुरानी है पता है।।
दरारें आ गयी रिश्तों में लेकिन
हमें फिर भी निभानी है पता है।।
गुरुरे-हुस्न वाज़िब है तुम्हारा
मगर ये ज़िस्म फ़ानी है पता है।।
इसे मत तौल दुनियावी नज़र से
मसअला ये रूहानी है पता है।।
सुरेशसाहनी कानपुरत
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