लाशन पर व्यापार हुइ रहे।

तन दुरुस्त सरकार हुइ रहे।।

सेना जूझ रही सीमा पर

नेता जी तैयार हुइ रहे ।।

खाना पीना खूब मिलत है

अब चुनाव तेवहार हुइ रहे।।

दुश्मन की अइसी की तइसी

बातन से यलगार हुइ रहे।।

जनता जानि रही नेताजी

डूब रहे या पार हुइ रहे ।।

जगह नहीं आदमी चलन की

अब कुलियन में कार हुइ रहे।।

जइस हैसियत तइसे दुलहा 

सम्बन्धौ बाजार हुइ रहे ।।

#सुरेशसाहनी

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