कितनी सुविधा ,कितने सुख कैसी शौकत-शान।

अंतरात्मा नहीं रही तो  काहे का सम्मान।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है