आपके दिल मे जगह मिल जाये।
हमको जीने की वज़ह मिल जाये।।
बांध लीजे यूँ हमें जुल्फों में
खोल दीजे जो गिरह मिल जाये।।
आपकी एक तबस्सुम जो मिले
दिल की उलझन को सुलह मिल जाये।।
इन्तेज़ारात को गर वस्ल मिलें
ग़म की रातों को सुबह मिल जाये।।
बेझिझक छोड़ के तुम चल देना
जब कोई मेरी तरह मिल जाये।।
सुरेशसाहनी
Comments
Post a Comment