कल शाम एक मजदूर स्त्री से मुलाकात हुई।
मैंने कहा ,आज कुछ खास मिला की नहीं।
उसने सहजता से बताया- का मिला?
अरे दिहाड़ी देय मा नानी मरत है।
एक लड्डू देत हैं तो अँगुरी दबावत हैं ।
आँखी केर पानी मरि गवा है।
कल शाम एक मजदूर स्त्री से मुलाकात हुई।
मैंने कहा ,आज कुछ खास मिला की नहीं।
उसने सहजता से बताया- का मिला?
अरे दिहाड़ी देय मा नानी मरत है।
एक लड्डू देत हैं तो अँगुरी दबावत हैं ।
आँखी केर पानी मरि गवा है।
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