काहें रउआँ   कहली ना।

कहतीं काs हम सुनती ना।।

एतनो असकतिआईं जिन

ई जनि बोलीं सपरी ना।।

राधा गवने जईहें कब

नौ  मन तेल त होई ना।।

काहें नाही मान मिली

आपन  बोली बोलीं ना।।

अइसन अनकुश लागत बा

अइसे ते कुछ होई ना!!!

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