कुछ कालजयी हो जाये मन
जब है इतना छोटा जीवन ।।
सांसो के आने जाने से
जीवन है यह सच्चाई है
पर सांसों के रुक जाने पर
आगे क्या कुछ भरपाई है
क्या आगे है आगमन गमन।।
तन तम्बूरे के तारों की
क्या गारंटी वारंटी है
कब टूटेगा यह बतला दे
ऐसी क्या कोई घण्टी है
इक उम्र तलक तो हो जीवन।।
बचपन खेला मन झूमा मन
यौवन मतवाला बीता है
जब काया माया जीर्ण हुयी
तब रोता है सब रीता है
क्यों भूल गया जब था यौवन।।
सुरेशसाहनी
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