अँधेरे में दिया बनने से मुझको रोकते हैं वो।

अँधियारा घना होने पे तम को कोसते हैं जो।।


भगत सिंह और शिवाजी की कथाएँ रोज कहते हैं

उन्ही की राह चलने पर सभी को टोकते हैं वो।।

सुरेशसाहनी,

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