आशिक़ी के अज़ाब तो दे दे।
तिशनालब हूँ शराब तो दे दे।।
ओ हसीं ख़्वाब बेचने वाले
मेरे पहले हिसाब तो दे दे।।
मेरी आँखों से जो चुराए हैं
मुझको मेरे वो ख़्वाब तो दे दे।।
हर घड़ी झूठ हर घड़ी एक छल
कम से कम इज़तेराब तो दे दे।।
आज जितने सवाल उट्ठे हैं
है अगर कुछ जवाब तो दे दे।।
ठीक है छोड़ दे मरुस्थल में
चश्मोलब को सराब तो दे दे।।
मुझसे सब कुछ तो छीन बैठा है
मेरा खानाख़राब तो दे दे।।
मैं नया साल भी मना लूंगा
मेरे हक़ओरुआब तो दे दे।।
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