आओ दिल पर कोई किताब लिखें।
दिल की दुनिया मे इन्किलाब लिखें।।
इश्क़ पर हुस्न कुछ सवाल करे
हुस्न को इश्क़ के जवाब लिखें।।
खुशनुमा कल हो तर्जुमा जिसका
आओ ऐसा भी एक ख़्वाब लिखें।।
इसमें घाटा नफा नहीं चलता
प्यार का और क्या हिसाब लिखें।।
दिल पे चलता है कोई जोर कहाँ
दिल्लगी कैसे इंतिख़ाब लिखें।।
उनकी तस्वीर भी हैं यादें भी
कैसे खाना-ए-दिल ख़राब लिखें।।
सुरेश साहनी, कानपुर
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