तुम्हीं कहो हम किसे भुला दें किसको याद करें।
किसे त्याग दें किस से मिलने की फरियाद करें।।
कितने अपने रहे उम्र भर बेगानों से बढ़कर
वहीं रहे कितने बेगाने उन अपनों से बेहतर
वक़्त तल्खियों ऱंज़ों में कितना बर्बाद करें।।
तुम्ही कहो हम किसे.......
वक़्त ख़राब रहा तो कितने अपने हुए पराए
थे ऐसे बेगाने भी जो काम समय पर आए
क्यों रुसवा हों किसे उजागर हम रूदाद करें।।
तुम्ही कहो हम किसे भुला दें.......
अच्छा समय रहा तो अपने घूमे पीछे आगे
साथ साथ चलना छोड़ो वे कदम मिलाकर भागे
क्या हम खुद पर हँसें खिलखियाएँ दिल शाद करें।।
तुम्हीं कहो हम किसे भुला दें.....
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