अंग्रेजों से जीत गए थे
इन से जीत न पाओगे तुम।
गांधी जन्म न लेना वरना
फिर से मारे जाओगे तुम।।
अंग्रेजों के राजतंत्र में
प्रजातंत्र का मान बड़ा था
नैतिकता और सदाचार के
प्रति उनमें सम्मान बड़ा था
किन्तु आज अपनों के आगे
अडवाणी बन जाओगे तुम।।
कैसे मन जीतोगे इनके
ये हिटलर के रक्तबीज हैं
स्वस्थ भले दिखते हैं तन से
मन से ये हिंसक मरीज हैं
तुम्हें मारकर मांस तुम्हारा
देंगे कैसे खाओगे तुम।।
आज गोडसे के मंदिर हैं
गली गली में शहर शहर में
नित नित गांधी मारे जाते
गांव गांव में नगर नगर में
अपने आगे अगणित गांधी
मरते देख न पाओगे तुम।।
मूर्ति टूट कर जुड़ सकती है
मन को जोड़ न पाओगे तुम।।
सुरेश साहनी, कानपुर
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