मेरे दिल के अंदर तुम हो इतना काफी है।
मैं हूँ हंस सरोवर तुम हो इतना काफी है।।
ताजमहल बनवाने वाली बातें ठीक नहीं
इक घर हो ,उस घर में तुम हो इतना काफी है।।
हम पे जान न देना हमपे मर मिट मत जाना
हम तुमसे हैं हमसे तुम हो इतना काफी है।।
सुंदर तन पर रीझे तो कितने दिन रीझेंगे
हा मन से भी सुन्दर तुम हो इतना काफी है।।
क्या मतलब है हमसे कोई कितना सुन्दर है
मेरी ख़ातिर बेहतर तुम हो इतना काफी है।।
सुरेशसाहनी, कानपुर
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