दोस्ती थी ये बात भी सच है।
दुश्मनी है ये बात भी सच है।।
लोग कितने सवाल करते हैं
जैसे मैं किसके साथ दिखता हूँ
किससे मिलता हूँ या कि जुलता हूँ
आजकल वो इधर नहीं आता
साथ तेरे नज़र नहीं आता
तुझको ये ज़िन्दगी नहीं खलती
क्या तुझे ये कमी नहीं खलती
कुछ कमी थी ये बात भी सच है
हाँ कमी है ये बात भी सच है।।
और तुम कबसे जानते हो उसे
और तुम कितना जानते हो उसे
दूर से है कि कुछ करीब से है
कौन है किसके घर की नेमत है
धनी घर से है या गरीब से है
तेरी आँखों मे ये नमी क्यों है
हरकतों से वो अजनबी क्यों है
अजनबी थे ये बात भी सच है
अजनबी है ये बात भी सच है।।
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