चलो माना मुहब्बत है न हो तो।
अभी मुझसे ज़रूरत है न हो तो।।
बदल जाती है गर्दिश में निगाहें
जवानी की ये दौलत है न हो तो।।
यकीनन क़ाबिले-तारीफ हो तुम
तुम्हें सुनने की आदत है न हो तो।।
कोई भी आपका दुश्मन न होगा
ज़माने को शिकायत है न हो तो।।
हमारा प्यार भी परवान चढ़ ले
जो उनके दिल मे नफरत है न हो तो।।
सुरेशसाहनी
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