करने लगे हैं लोग जो वादे नये नये
लगता है दिन चुनाव के नजदीक आ गए।।
शायद कि जंग खा चुके है उनके असलहे
या इस चुनाव में कहीं से टिकट पा गये।।
लगता नहीं है कि वो मुहल्ले के भाई है
अब वो अबे से आप के लेवल पे आ गए।।
करने लगे हैं लोग जो वादे नये नये
लगता है दिन चुनाव के नजदीक आ गए।।
शायद कि जंग खा चुके है उनके असलहे
या इस चुनाव में कहीं से टिकट पा गये।।
लगता नहीं है कि वो मुहल्ले के भाई है
अब वो अबे से आप के लेवल पे आ गए।।
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