एक अधूरापन सबके जीवन मे होता है।

कोई इसको जी लेता है कोई ढोता है।।

कोई आलिंगन करता है दुख का भी हँस कर

कोई सुख में भी रह रह कर नैन भिगोता है।।

सुरेश साहनी, कानपुर

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है