भूल से एक बार कर लेते।
काश तुम हमसे प्यार कर लेते।।
उम्र अपनी दराज हो जाती
हम तेरा इंतज़ार कर लेते।।
हंस के सहना तेरी जफ़ाओं को
आदतों में शुमार कर लेते।।
ये भी शोहरत का इक सबब होता
तुम जो आशिक हज़ार कर लेते।।
फिर तुम्हें तेग की जरूरत क्या
सिर्फ नज़रो के वार कर लेते।।
इतने कमजर्फ तो नहीं थे जो
दूसरा कोई यार कर लेते।।
ये तिज़ारत नहीं मुहब्बत है
कैसे दौलत से प्यार कर लेते।।
प्यार करते तो आजमाते भी
आजमाते तो प्यार कर लेते।।
प्यार में डूबने से डरते हो
डूब जाते तो पार कर लेते।।
जान देने की कोई बात न थी
इक जरा एतबार कर लेते।।
सुरेश साहनी, अदीब
Comments
Post a Comment