मेरे मिसरे का सानी है तो बोलो।

वगरना बतकुचानी है तो बोलो।।

समय के साथ बहना चाहते हो

अदा में भी रवानी है तो बोलो।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है