खूब इलज़ाम लगाये हमपर।
क्या कभी देखा है हमको आकर।।
बोलते हैं सभी इंशा -अल्लाह
और एतबार नहीं रत्तीभर।।
जिनको इस्लाम पे एतबार नहीं
कौन समझायेगा उनको जाकर।।
वो जो फैलाते हैं दहशतगर्दी
सिर्फ इब्लीस के हैं लख्ते-जिग़र।।
वो मुसलमां नहीं हिन्दू भी नहीं
कोई आतंकी कोई दहशतगर।।
पूरी दुनिया मेरे अल्लाह की है
पूरी दुनिया है मेरे राम का घर।।
सुरेश साहनी अदीब
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