तुमसे मिलकर जाने क्या क्या भूल रहा हूँ मैं।

यादों   के   हिंडोले में जो   झूल रहा हूँ  मैं।।

तुमने 

तुम भी अब जाकर बोले हो अपने मन की बात

अब जाकर थामा है तुमने दिल से मेरा हाथ

वरना अब तक ज्यूँ फूलों में शूल रहा हूँ मैं।।

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