का बतियाईं का बीSतल बा ।

अपनन से तकलीफ मिलल बा।।

माई दादा ना रहला पर

जनि पतियाईं का छूटल बा।।

जीवन के कगरी आ गइलीं

रउरे लरिकाई सूझल बा।।  

आँख मुनयिले पर के देखी

के मानत बा के रुसल बा।।

कुक्कुर पोंछ चरित्तर मनवा

का ई सुधरी के सुधरल बा।।

भाव भजन में दिन बीते दS

ईहे एकर अंतिम हल बा।।

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