जब तक तुम धड़कोगी दिल में
तब तक गीत सुनाऊंगा मैं।
जब तक महकोगी साँसों में
तब तक तो मुस्काउंगा मैं।।
कभी घड़ी की सुई जैसे
साथ साथ टिक टिक करती हो
कभी प्यार से छोटी छोटी
बातों पर चिक चिक करती हो
यूँ ही अमरबेल बन रहना
पीपल बन हरियाउंगा मैं।।
जीवन पथ पर हम दोनों हैं
दो डग जैसे आगे पीछे
जीवन के उत्थान पतन में
साथ चले हम आँखे मीचे
यूँ ही साथ निभाती रहना
हँस हँस कर ढल जाऊंगा मैं।।
सुरेश साहनी, कानपुर
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