आज इस बात से बेखबर कौन है।

आदमी से बड़ा जानवर कौन है।।

छोड़ कर चल दिए तुम कोई गम नहीं

साथ देता यहाँ उम्र भर कौन है।।

इतना नादान हूँ जान पाया नहीं

राहजन कौन है राहबर कौन है।।

चाँद उसको बतादे कि उसके लिए

याद में जागता रात भर कौन है।।

हम से पहले जहाँ छोड़ कर चल दिए

अब तुम्ही ये कहो बेसबर कौन है।।

सुरेश साहनी, कानपुर

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है