जैसे तैसे जिंदगी के साल इतने जी गए।
कौन जोड़े कितना खाया और कितनी पी गए।।
उसने मुझको याद रखा या मुझे बिसरा दिया
कौन इसमें सर खपाता उसने मुझकोक्या दिया
हमने जो भी राह छोड़ी फिर उधर कम ही गए।।
हम रहे जिस हाल में भी ये दुआ करते रहे
वो जहाँ जैसा हो जिसके साथ भी हो खुश रहे
हमको क्या अफ़सोस कब जिन्दा थे जो मर भी गए।।
वो न आया सिर्फ अपनी याद भिजवाता रहा
और क्या था पास अपने सब्र भी जाता
खाली हाथों आये थे दुनिया से भी खाली गए।।
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