यकबयक दर्द सा उभरता है
जब कभी तेरा ज़िक्र आता है।।
दिल में इक हुक जैसी उठती है
और फिर दिल ही बैठ जाता है।।
ग़म से दिल चूर चूर हो जाये
कोई ऐसे भी मुस्कुराता है।।
तेरे ऐसे जवाब हैं जैसे
कोई बच्चा सवाल उठाता है।।
SS
यकबयक दर्द सा उभरता है
जब कभी तेरा ज़िक्र आता है।।
दिल में इक हुक जैसी उठती है
और फिर दिल ही बैठ जाता है।।
ग़म से दिल चूर चूर हो जाये
कोई ऐसे भी मुस्कुराता है।।
तेरे ऐसे जवाब हैं जैसे
कोई बच्चा सवाल उठाता है।।
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