आइये मिल कर पढ़ें यह मर्सिया
मर चुकी संवेदनाओं के लिए
या कि सोई चेतनाओं के लिए
निज हितैषी भावनाओं के लिए।।
आईये मिल कर पढ़ें यह मर्सिया
फेसबुकिया प्रतिक्रियाओं के लिए
व्हाट्स एप पर उग्रताओं के लिए
कबीलाई भावनाओं के लिए।।
आईये मिलकर पढ़ें यह मरसिया
जाति वाली धर्म वाली सोच पर
या कि हिंसक भीड़ वाली सोच पर
हमसे क्या मतलब है,वाली सोच पर।।
आईये मिलकर पढ़ें यह मर्सिया
मुल्क़ की जम्हूरियत के नाम पर
डूबती इन्सानियत के नाम पर
गंग जमुनी तरबियत के नाम पर।।
आईये मिलकर पढ़ें यह मर्सिया.....
Suresh Sahani,kanpur
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