मुहब्बत की ऐसी पहल हो रही है।

कोई खूबसूरत ग़ज़ल हो रही है।।

तेरी ज़ुल्फ़ के पेंचोखम में उलझ कर

मेरी ज़िंदगानी सहल हो रही है।।

वफ़ा हो रहा है कोई एक वादा

किसी की जुबानी अमल हो रही है।।

मेरे ख़्वाब ताबीर पाने लगे हैं

तसव्वुर की दुनिया  मसल हो रही है।।

अभी फिर से मैं मुस्कुराने लगा हूँ

कोई दिल में मीठी चुहल हो रही है।।

मेरे रास्ते कहकशां हो रहे हैं

कुटी मेरे दिल की महल हो रही है।।

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