प्रथम शैलपुत्री जहाँ ले आती नवरात।

वहाँ शैल चित नित करें कन्याओं पर घात।।

ब्रम्हचारिणी माँ धरो चामुण्डा का वेश।

कामी कपटी दे रहे मातृ शक्ति को क्लेश।।

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