धनतेरस हैं धनवानों का
देव देवियों भगवानों का
पर गरीब क्यों खुश होता है
गला घोंटकर अरमानों का
राशन पर आधार लगेगा
स्वप्न देख ले पकवानों का
राजा खुश अब्दुल्ला खुश है
काम यही है दीवानों का
हमको बोझ उठाना ही है
घोटालों का हर्ज़ानों का
सुरेश साहनी
धनतेरस हैं धनवानों का
देव देवियों भगवानों का
पर गरीब क्यों खुश होता है
गला घोंटकर अरमानों का
राशन पर आधार लगेगा
स्वप्न देख ले पकवानों का
राजा खुश अब्दुल्ला खुश है
काम यही है दीवानों का
हमको बोझ उठाना ही है
घोटालों का हर्ज़ानों का
सुरेश साहनी
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