तब कितना अंधियारा होगा सोचा है ।

क्या तब दीपक होता होगा सोचा है।

तब जब चकमक माचिस वाला दौर न था

कैसे दीपक बाला होगा सोचा है।।SS

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है