खास मिलते तो हैं कब दिल से मगर मिलते हैं।
दिल से मिलना है तो हम आम के घर चलते हैं।।
दिन में सूरज ने मेरा काम चलाया लेकिन
अब चरागाँ के लिए चाँद के दर चलते हैं।।
रहती दुनिया में मुहब्बत के कदरदान नहीं
चल किसी दूसरी दुनिया की डगर चलते हैं।।
खास मिलते तो हैं कब दिल से मगर मिलते हैं।
दिल से मिलना है तो हम आम के घर चलते हैं।।
दिन में सूरज ने मेरा काम चलाया लेकिन
अब चरागाँ के लिए चाँद के दर चलते हैं।।
रहती दुनिया में मुहब्बत के कदरदान नहीं
चल किसी दूसरी दुनिया की डगर चलते हैं।।
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