ठोकरें खा खा के आदी हो गया हूँ।

अपनी इस आदत से गांधी हो गया हूँ।।

हर तरफ धोखे ही धोखे देखकर

फितरतन मैं भी जिहादी हो गया हूँ।।

सुरेशसाहनी

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