तुहार ध्यान केह पर बा।

चाँद तुहरे घर पर बा।।

एने ओने ताकS  जिन

मनवा छलबिद्दर   बा।।

पूछS उनसे जिनके

इहो  सब   दूभर बा।।

जानि लS त जी जयिबS 

कुल ढाई आखर बा।।

संवरूँ के मन करिया

देहिया त उज्जर बा।।

भउजी निहारत हई

के इहवाँ देवर बा।।

सुरेश साहनी, कानपुर

#भोजपुरी

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