स्वप्न कई पूरे हुये मिले मान सम्मान।

क्यों कह दूं भगवान ने रखा न मेरा ध्यान।।

कपट कुटिलता क्रूरता शठता शर सन्धान।

राजनीति में गुण करें अवगुण का सम्मान।।

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