अग्नि का धर्म है ताप देना

यदि अग्नि ताप न दे ?

हे स्त्री हन्ता

स्त्री अधार्मिक थी 

या तुम

या यह प्रश्न ही अधार्मिक है......

किंचित प्राप्त करना चाहते हो

तुम वहीं परमानन्द

दुनिया से भागकर

जिससे वंचित रही हर वह स्त्री

जो अधार्मिक थी तुम्हारे अनुसार...

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है