कम होंगे जंजाल एक दिन।
होंगे खत्म बवाल एक दिन।।
हम भी खुशियों की दौलत से
होंगे मालामाल एक दिन।।
अन्त धरा सब रह जायेगा
जब आएगा काल एक दिन।।
उसकी दया दृष्टि से कितने
रंक हुए भूपाल एक दिन।।
मुझे पता है हल कर देगा
वो प्रभु सभी सवाल एक दिन।।
सुरेश साहनी , कानपुर
Comments
Post a Comment