सुना है तुमको अब फुर्सत नहीं है।

हमारे वास्ते मोहलत नहीं है।।

हमें वो लोग दिल से चाहते हैं

हाँ उन के पास धन दौलत नहीं है।

चलो माना तुम्हे सब जानते हैं

ये बदनामी कोई शोहरत नहीं है।।

बदल जाते हो मौसम की तरह तुम

मगर ये तो भली आदत नहीं है।।

मुझे वो कल भला चंगा मिला था

सुना है आज वो जीवित नहीं है।।

हवाओं में जहर है जानते हैं

शहर वालो को अब हैरत नहीं है।।

किसी से इत्तेफ़ाक हो भी तो कैसे

वो अपने आप से सहमत नहीं है।।

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