बड़ी उम्मीद थी जिससे किनारा कर गया इक दिन।

सहारा बन के हमको बेसहारा कर गया इक दिन।।

जो कहता था तुम्हें संग ले चलूंगा कहकशांओं में

वही किस्मत का गर्दिश में सितारा कर गया इक दिन ।।

सुरेश साहनी

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है