मर चुकी अमृत कथाओं पर लिखो।

कुछ व्यथा जीवित शिलाओं पर लिखो।।

राजप्रासादों के दुख यदि लिख चुके

कुछ त्रसित जन की व्यथाओं पर लिखो।।गीतांश-साहनी

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