कृष्ण सबके दिलों में बसता है

उसकी मुरली से रस बरसता है

उसकी मुस्कान में सरसता है

विश्व हँसता है जब वो हँसता है

जाने किस वंश का उजाला है

कैसे मानें वो सिर्फ़ ग्वाला है......

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