ताउम्र अपने दरमियाँ  जो फासले रहे।

हैरत है इसके बाद भी रिश्ते बने रहे।।

गैरों ने हर कदम पे सहारा दिया मगर

हम उनको क्या कहेंगे जो अपने बने रहे।।SS

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