जब अस्थाना जी आते थे
कितने चेहरे खिल जाते थे
उनमे कुछ कुछ तो ऐसे थे
अब मत पूछो वो कैसे थे
पर उन पर नज़रे पड़ते ही
ये भी कुछ कुछ खिल जाते थे
कपड़े भी बढ़िया क्रीचदार
सॉफिस्टिकेटेड होशियार
सब देख इन्हें खुश होते थे
ये देख उन्हें मुस्काते थे
बेशक़ ये सुघर सजीले थे
पर उतने ही शर्मीले थे
पर सबको बहन बोलने से
इनके रिश्ते कट जाते थे
एक बार रिश्ते के लिए लड़की देखने गए तो
लड़की से पूछ बैठे थे
बहिन जी आपकी हॉबिज क्या क्या हैं।
परिणाम आप समझ सकते हैं
इक बार मिली मेरी भाभी
उनको माता जी बोल गए
जल्दी में भूल गए थे ये
जो चश्मा सदा लगाते थे
कोई बाला तो शायद ही
इनके ख्वाबों में आई हो
ये सपनों की चर्चा में भी
अम्मा की बातें लाते थे।।
अस्थाना जब भी आते हैं
अम्मा बाबू याद आते हैं
मुझसे ज्यादा माँ बाबू के
अस्थाना जी मन भाते थे।।
एक बार टीचर ने बताया
नेक काम करने वाले स्वर्ग जाते हैं तुममें
कौन कौन स्वर्ग जायेगा
एक बच्चे ने उत्तर दिया मैं नहीं जाऊंगा। माँ कहती है
सीधे घर आया करो।
जानते हैं वो बच्चा कौन था
एक बार टीचर ने पूछा , मंगल सिंह को सौ रुपये के फल लाने के लिए 500 दिए। वो कितने वापस करेगा।
इन्होंने कहा कुछ नही
टीचर ने कहा इतना भी नहीं जानते
अस्थाना जी ने कहा
सर आप मंगल को नहीं जानते।
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