जो कह रहा था तो सुनने की ताब भी रखता।
सवाल उसने किया था जवाब भी रखता।।
बिखेर देता भले ही वो ख़ार गुलशन में
बराये रस्म चमन में गुलाब भी रखता।।
कि एतराज किसे है उठाये गंगाजली
अगरचे साकिया उसमें शराब भी रखता।।
जो कह रहा था तो सुनने की ताब भी रखता।
सवाल उसने किया था जवाब भी रखता।।
बिखेर देता भले ही वो ख़ार गुलशन में
बराये रस्म चमन में गुलाब भी रखता।।
कि एतराज किसे है उठाये गंगाजली
अगरचे साकिया उसमें शराब भी रखता।।
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